आज के समय में इस दुनिया में पैसा कामना इतना आसन नही होता इसके लिए एक व्यक्ति दिन रात मेहनत करता है तब कही जाकर वो अपने घर के खर्चे लायक पैसे कमा पाता है. अब यदि ऐसे में इतनी मेहनत के उस व्यक्ति के पैसे फट जाए या खो जाए तो कितना दुख होता है. और ऐसे ही पैसों के नुकसान के अलग-अलग मामले आपने भी देखे और सुने होंगे।
कभी व्यापार में घाटा हो जाता है तो कही फ्रॉड में, या फिर धोखाधड़ी जैसे कई केसेज में पैसे के बड़ा नुक्सान हो जाता है। इसी के चलते आज हम आपको बताते है की कैसे एक गरीब किसान की जिन्दगी भर की कमाई बर्बाद हो गई. जिससे वो अपने पेट की बिमारी का इलाज करवाने वाला था.
दरअसल ये मामला तेलंगाना के एक किसान का है जिसे इस तरह नुकसान हुआ है की आप भी इसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। इसमें बताया गया की यहां एक किसान के बैग में रखे रुपयों को चुहों ने कुतर डाला। और इसमें बताया जा रहा है की उस बेग में हजार-दो हजार रुपए नहीं, बल्कि पूरे दो लाख रुपए रखे थे। जिन्हों चूहों ने बर्बाद कर दिया. और किसान की जीवन भर की मेहनत बर्बाद हो गई.
कपड़े के बैग में थे पैसे:-
खबरों के नुसार बतया गया की ये किसान तेलंगाना के इंदिरानगर थांडा के वेमनूर गांव का रहने वाला है और इसका नाम रेड्डी नायक है। उसने अपने रुपयों को एक बैग में डालकर आलमारी में रख दिया था। एक वेबसाइट की खबर के मुताबिक रेड्डी ने यह पैसे पेट के ऑपरेशन के लिए जुटाए थे। पूरा पैसा पांच-पांच सौ रुपए की नोट की शक्ल में था।
रेड्डी के मुताबिक बताया गया की इसमें कुछ पैसे तो उसने सब्जी बेचकर जुटाए थे। और कुछ पैसे रिश्तेदारों से उधार लेकर आया था थे। और इसमे पूरी रकम दो लाख की थी, जिसे किसान ने एक कपड़े के बैग में भरकर आलमारी में रख दिया। लेकिन इसके बाद जब एक दिन किसान ने दुबारा आलमारी खोली तो देखा कि पूरा पैसा बर्बाद हो गया और ये चूहों ने कुतर डाला है।
बताया गया है की रेड्डी नायक अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए सब्जियां बेचता है। वह सब्जी का बैग अपने दोपहिया वाहन पर रखकर घर-घर ले जानकर बेचता है. रेड्डी ने बताया कि उसने फटे हुए नोटों को बदलने के लिए कई बैंकों से संपर्क किया, लेकिन कोई सफलता हासिल नहीं हुई और सभी बैंक अधिकारियों ने साफ-साफ मना कर दिया।
इसके बाद कुछ बैंकों ने उसे अपनी समस्या को आरबीआई की हैदराबाद शाखा में बताने के लिए जरूर कहा है। बताया गया है की आरबीआई ने हाल ही में बैंकों को निर्देश दिया है कि कटी-फटी नोटों को बदल लेने के निर्देश भी दिए है। लेकिन चूहों द्वारा आधे चबाए नोट के मामले का समाधान नहीं दिख रहा है।