गुजराती सिनेमा से अपने फिल्मी सफर की शुरुआत करने वाले अभिनेता परेश रावल, वो अदाकार हैं, जिनकी कामयाबी का सफर 1980s के दौर में जो शुरु हुआ, तो साड़े तीन दशक बीत गए, पर उनकी प्रसिद्धी कम नहीं हुई। ज्यादातर फिल्मों में सहायक किरदार में नजर आने वाले परेश ने हमेशा अपने छोटे से किरदार की भी दर्शकों के बीच छाप छोड़ी हैं।
परेश का जलवा कुछ ऐसा रहता हैं, कि भले ही फिल्म फ्लोप हो जाए पर उनका किरदार लोगों के ज़हन में रह जाता हैं। आज परेश बॉलीवुड के साथ साथ राजनीति में भी अपने कदम जमा चुके हैं और उनकी सम्पत्ति भी आसमान छू रही हैं।
चाहे कॉमेडी हो या गंभीर किरदार, परेश रावल ने अपने करियर में हर तरह के अभिनय से अपने नाम का डंका बजवाया हैं। बॉलीवुड में उनकी एन्ट्री साल 1985 में फिल्म ‘अर्जुन’ से हुई। परेश ने ‘हेरा फेरी’ ‘फिर हेरा फेरी’ (40 करोड़), ‘भूल भुलैया’ (49 करोड़), ‘वेलकम’ (70 करोड़),’उड़ी’ (244 करोड़), ‘एक था टाइगर’ (399 करोड़) और ‘ओह माय गॉड’ (81 करोड़) जैसी बड़ी फिल्मे की हैं।
परेश रावल, अपने साथ कॉमेडी का एक नया स्वरूप लेकर आए थे, जोकि आम लोगों और आम ज़िन्दगी से मेल खाता था। बाबु भैया के नाम से प्रख्यात, परेश की कॉमेडी फिल्मों को आज भी युवाओं के बीच काफी पसंद किया जाता हैं। उन्हें अपने शानदार अभिनय के लिये तीन बार फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा गया हैं। इसके अलावा उन्हें एक बार नेशनल अवार्ड और पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया हैं।
उन्होंने अबतक 250 से भी ज्यादा फिल्मो में काम किया हैं, इसमे बॉलीवुड के अलावा, क्षेत्रीय भाषाओं की भी फिल्में शामिल हैं।