गोरखपुर, जेएनएन। सौ फीसद शुद्ध सरसों का तेल मंगलवार को बाजार में आ गया है। सभी ब्रांडेड कंपनियां पहले वाली कीमत पर शुद्ध सरसों का तेल देने का दावा कर रही हैं। थोक मंडी में सरसों का पैक्ड तेल 155 से 168 रुपये लीटर तक मिल रहा है। सोमवार तक मिश्रित तेल भी इसी कीमत पर बिक रहा था। बीतें दिनों सरकार ने खाद्य तेलों के उत्पादन में सरसों तेल को मिलाने के बारे में पैकर्स को जो मंजूरी दी गई थी.
उसे वापस ले लिया गया है। अब सरसों तेल को दूसरे स्रोत के खाद्य तेलों के साथ नहीं मिलाया जा सकेगा। यह माना जा रहा था कि ऐसा करने से सरसों के तेल का दाम 10 से 15 फीसद तक बढ़ सकता है, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हो रहा है।
सरसों के तेल में अन्य खाद्य तेलों को न मिलाए जाने की मांग बहुत दिनों से हो रही थी। पिछले साल सितंबर में भी सरकार ने इस सिलसिले में निर्णय लिया था जिसकाे बाद में रोक लगा दी गई थी। पुराने नियमों की आड़ में अब तक लोगों को मिश्रित सरसों तेल ही उपलब्ध होता रहा है। कई खाद्य तेलों में तो केवल 20 से 30 फीसद ही सरसों तेल होता था, जबकि शेष दूसरे तेलों का मिश्रण होता था। चावल की भूसी के तेल का इसमें सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता था। सरसों तेल में मिलावट की शिकायतें अकसर आती है।
प्रशासन एवं खाद्य विभाग की टीम ने छापा मारकर कई बार नकली सरसों के तेल की खेप पकड़ी है। सेहत के दुश्मन सरसों तेल के नाम पर सस्ता पाम आयल बेच रहे थे। येलो बटर नाम का प्रतिबंधित सिंथेटिक कलर मिलाकर इसे सरसों तेल का रंग दिया जाता है। गंध के लिए एसेंस मिला देते हैं। बटर येलो सेहत के लिए खतरनाक है।
पाम आयल सरसों तेल के मुकाबले काफी सस्ता है। तेल कारोबारी सुनील कुमार के मुताबिक यह कहना जल्दबाजी होगा कि सरसों के तेल में अन्य तेलों का मिश्रण बंद हो गया है। बड़ी कंपनियों ने भी खूब मानक से अधिक मिलावट कर खूब मुनाफा कमाया। तेल विक्रेता संतोष गुप्ता ने बताया कि मिलावट पर रोक से सबसे ज्यादा फायदा किसानों को होगा। उन्हें सरसों के अच्छे दाम मिलेगा, इससे न सिर्फ उनका हौसला बढ़ेगा, बल्कि सरसों की पैदावार भी ज्यादा होगी।