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कुछ सालों पहले किसी ने सोचा भी नहीं था कि आने वाले कुछ सालों में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) का कारोबार इतनी तेजी पकड़ लेगा। सबको यही लगता था कि भला इन गाड़ियों को चार्ज करना कितना परेशानी भरा काम होगा। जबकि ईंधन से चलने वाली गाड़ियों को तेल भरवा के चाहे जहाँ दौड़ाओ। लेकिन हालात और नज़रिया लोगों का अब दोनों बदल रहा है। जिस तरह से तेल की कीमतों में इज़ाफ़ा और सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी देने की शुरुआत की है, उससे बदलाव दिखाई पड़ने लगा है।

सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की मानें तो साल 2020 लॉकडाउन के कारण भले ही चुनौतीपूर्ण रहा लेकिन इस साल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 20 फीसदी तक बढ़ी है। क्योंकि लॉकडाउन के बाद हर कोई अपने वाहन से सफ़र करना चाहता है। ऐसे में जब तेल की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं, तो इलेक्ट्रिक वाहन लोगों के पास एक विकल्प बनकर उभरा है। ऐसे में लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ खरीदने में बेहद दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

पुणे स्थित नेक्सजू मोबिलिटी (Nexzu Mobility) एक स्टार्टअप है जो इंडिया में ई-साईकल बनाती है। इस स्टार्टअप को 2015 में अतुल्य मित्तल (Atulya Mittal) ने शुरू किया था। अतुल्य हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से पढ़े हुए हैं। अतुल्य बताते हैं कि जब एक बार एक अपनी कंपनी ‘पापा जाॅन इंडिया’ के लिए पिज्जा डिलीवरी के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर या साइकिल ढूँढने गए तो कहीं नहीं मिली, तो उन्हें बड़ा दुख हुआ।

इसी बात को समझते हुए अतुल्य मित्तल ने सोचा क्यों ना एक ई-साइकिल की कंपनी बनाई जाए। जो कि लोगों के लिए कम क़ीमत में ई-साइकिल उपलब्ध करवाए। उन्होंने आगे चलकर इसी स्टार्टअप पर दांव लगाया। जो कि पिछले एक-दो साल से बेहद तेजी पर है।

अतुल्य कहते हैं आज के हालात को देखते हुए इलेक्ट्रिक साइकिल या स्कूटर बचत का सौदा है। यदि हम इलेक्ट्रिक साइकिल की बात करें तो 0.2 किलोमीटर की दर से चार्ज करती है, लेकिन इसी की जगह यदि हम कोई ईंधन से चलने वाला स्कूटर देखें तो 1.5 रूपये प्रति किलोमीटर का ख़र्चा उठाता है।

जबकि तेल की कीमतें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। ऐसे में आज इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना किसी भी तरह से नुक़सान का सौदा नहीं जाता। अतुल्य कहते हैं कि 10 रूपये की बिजली से चार्ज करके उनकी साइकिल 150 किलोमीटर और स्कूटर 45 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है।

अतुल्य की कंपनी की ये साइकिल और स्कूटर पूरी तरह से ‘मेड इन इंडिया’ हैं। ऐसे में इसे खरीदने पर देश का पैसा देश में ही काम आएगा। इनकी ये साइकिल बेहद हल्की है और इसमें पुर्जे भी बेहद कम लगे हैं। ऐसे में इसकी साफ-सफाई और मेंटेनेंस का ख़र्च भी बेहद कम है। नेक्सजू मोबिलिटी की ये साइकिल फिलहाल दो प्रकार में उपलब्ध है। पहला ROMPUS और दूसरा ROADLARK है।

यदि हम इसकी क़ीमत की बात करें तो सबसे कम क़ीमत 31, 980 रूपये है। जबकि दूसरी Roadlark साइकिल की क़ीमत 42, 317 है। ये क़ीमत भले की आपको आम साइकिलों के मुकाबले ज़्यादा महंगी लगे। परंतु मेंटेनेंस का ख़र्च और ईंधन का ख़र्च घटा दिया जाए तो दूसरे वाहनों से काफ़ी सस्ती पड़ती है।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...