बुद्ध पूर्णिमा पर 26 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। देश भर में इसकी उपछाया रहेगी। ब्रह्मांड में चंद्रग्रहण का साया होने के चलते लोगों को ग्रहण के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर सजग रहना होगा। इस दौरान जहां प्रभु सिमरन तथा ध्यान लगाने की सलाह दी जा रही है। वहीं, ग्रहण संपन्न होने के बाद दान देने का भी खास महत्व बताया जा रहा है।
ज्योतिषाचार्य नरेश नाथ बताते हैं कि वर्ष के पहले चंद्रग्रहण का वृश्चिक राशि पर असर पड़ेगा। इसमें बनते हुए काम में उलझन पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही, अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। इस बीच अपनी वाणी पर भी संयम बनाए रखने के साथ ही खुद को अपने आसपास की घटनाओं से बचा कर रखने की जरूरत है।
श्री महालक्ष्मी मंदिर जेल रोड के प्रवक्ता राहुल बाहरी बताते हैं कि देश में चंद्रग्रहण की उपछाया होने के चलते मंदिरों के कपाट खुले रहेंगे। हालांकि चंद्रग्रहण के उपरांत सभी प्रतिमाओं का शुद्धिकरण किया जाएगा।
26 मई को चंद्रग्रहण का सूतक दोपहर 1.15 बजे से शुरू हो जाएगा जो शाम 7.09 बजे तक रहेगा।
ग्रहण की अवधि में प्रभु स्मरण करते रहें।
बिना उचित कारण के ग्रहण के दौरान चंद्रमा की तरफ ना देखें।
बच्चे, बुजुर्ग व गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर जाने से परहेज करना चाहिए।
आग जलाने तथा कपड़े सीने से परहेज करें।
बाल और नाखून काटने से बचें।