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IPL 2021 के बचे मैच पूरा कराने में सबसे बड़ा अड़ंगा लग गया है!

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4 मई को IPL 2021 सस्पेंड करने का ऐलान कर दिया गया. वजह रही आईपीएल में चार टीमों के सदस्यों का कोरोना पॉज़िटिव पाया जाना. आईपीएल जिस वक्त रोका गया, तब तक कुल 29 मैच खेले जा चुके थे. अब भी लीग के लगभग आधे मैच बाकी हैं.

ऐसे में आईपीएल गर्वनिंग काउंसिल और बीसीसीआई के सामने ये बड़ा सवाल है कि वो आईपीएल के बचे मैच किस विंडो, यानी वक्त में करवाए. बीसीसीआई अभी आईपीएल 2021 के लिए विंडो तलाश ही रहा था कि इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड की तरफ से एक बयान आया है. इस बयान से लग रहा है कि आईपीएल सीज़न 2021 के अगले विंडो में इंग्लैंड के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट वाले खिलाड़ी शायद ही आईपीएल की टीमों के लिए खेलते नज़र आएं.

क्रिकेट कलेंडर 2021 में आईपीएल को अप्रैल-मई की विंडो में पूरा करना था. लेकिन कोविड की वजह से मई पूरी तरह से बर्बाद हो गया. अब आईपीएल के लिए बड़ी दिक्कत ये है कि वो बाकी बचे आईपीएल को कैसे पूरा करवाए. इसी बीच ईसीबी के क्रिकेट निदेशक एशले जाइल्स ने कहा है-

”हमें नहीं पता कि आईपीएल के बाकी मैचों का शेड्यूल क्या होगा. ये कब और कहां होंगे. इस सीज़न न्यूजीलैंड के खिलाफ मैचों की वजह से हमारा कार्यक्रम काफी व्यस्त है. हमें टी20 विश्व कप और उसके बाद एशेज खेलनी है. हमारे खिलाड़ी ओवरलोड न हों, ये भी ध्यान रखना है.”

इंग्लैंड क्रिकेट की तरफ से इस बयान के बाद आईपीएल 2021 में इंग्लैंड खिलाड़ियों का खेलना मुश्किल नज़र आ रहा है.

वैसे भी अगर एक नज़र इस साल के क्रिकेट कैलेंडर पर डालें तो आईपीएल के पास ना के बराबर विंडो मौजूद हैं. कैलेंडर से समझिए कैसे.जून में भारतीय टीम का इंग्लैंड जाने का कार्यक्रम है. वहां पर वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल होगा.

इसके बाद जुलाई में भारत की टीम श्रीलंका में वनडे सीरीज़ खेलने जाएगी.अगस्त-सितम्बर में इंग्लैंड के साथ पटौदी टेस्ट सीरीज़ खेली जाएगी.इंग्लैंड से लौटते ही सितम्बर-अक्टूबर में T20 विश्वकप का आयोजन होना है.

ये तो भारत का कैलेंडर है. इसके अलावा इंग्लैंड का भी काफी बिज़ी शेड्यूल

इंग्लैंड की टीम को जून के महीने में न्यूज़ीलैंड के साथ टेस्ट सीरीज़ खेलनी है.फिर पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ वाइट बॉल सीरीज़ खेलनी है.इसके अलावा इंग्लैंड के फ्यूचर टूर प्रोग्राम में सितम्बर-अक्टूबर में पाकिस्तान और बांग्लादेश का दौरा भी है.जबकि T20 विश्वकप के बाद उन्हें एशेज़ सीरीज़ खेलनी है.

इंग्लैंड के इन्कार का आईपीएल को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसके पीछे की वजह है आईपीएल में खेलने वाले इंग्लिश क्रिकेटर्स.

आईपीएल 2021 में कुल 14 इंग्लिश खिलाड़ी खेल रहे हैं. ये 14 खिलाड़ी आईपीएल की छह टीमों में मौजूद हैं. मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर अकेली ऐसी टीमें हैं, जिनमें इंग्लैंड का कोई भी खिलाड़ी नहीं है.

ऐसे में आईपीएल की इन टीमों को इंग्लैंड के प्लेयर्स उपलब्ध ना होने का खामियाज़ा भुगतना पड़ सकता है.

एमएस धोनी की CSK के पास मोईन अली और सैम करन के रूप में दो इंग्लिश प्लेयर्स हैं. ये CSK के कैम्पेन के अहम सदस्य हैं. मोईन ने CSK के लिए नंबर तीन पर बैटिंग की है. कुल 206 रन बनाए हैं.

रनों के साथ उन्होंने किफायती बोलिंग में भी पांच विकेट चटकाकर दिए. वो आईपीएल में सबसे ज़्यादा रन बनाने वालों में 13वें नंबर पर हैं. मोईन की पारी की खासियत रही, उनका 150 से पार का स्ट्राइक रेट. जिसकी वजह से CSK की टीम आईपीएल रुकने तक पॉइंट्स टेबल में नंबर दो बनी रही.

मोईन के अलावा सैम करन, धोनी के पेस अटैक के अगुआ हैं. दीपक चाहर हों या शार्दुल ठाकुर. सैम करन ने पिछले दो सीज़न में CSK की बोलिंग को इनके साथ मिलकर धार दी है. करन ने आईपीएल 2021 में भी नौ विकेट चटकाए और 52 रन बनाए हैं.

आईपीएल सीज़न 2021 रुकने तक नंबर एक टीम. इस टीम में इंग्लैंड के तीन खिलाड़ी हैं. टॉम करन, क्रिस वोक्स और सैम बिलिंग्स. क्रिस वोक्स दिल्ली कैपिटल्स का तुरूप का इक्का हैं. बोलिंग हो या बैटिंग, वोक्स टीम के सबसे ताकतवर ऑल-राउंडर हैं. वोक्स ने इस सीज़न सिर्फ तीन ही मैच खेले. लेकिन उसमें उन्होंने पांच विकेट चटकाए हैं. वोक्स अगर आगे के टूर्नामेंट में नहीं खेले तो दिल्ली की दिक्कतें बढ़ सकती हैं.

सैम बिलिंग्स को पहले सात मैचों में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला जबकि टॉम करन का प्रदर्शन इस सीज़न उस दर्जे का नहीं रहा है.

केकेआर की टीम आईपीएल की उन चुनिंदा टीमों में से है, जिसके पास विदेशी कप्तान है. केकेआर का तो विदेशी कप्तान भी इंग्लैंड से ही है. ऑएन मॉर्गन. बड़ी तैयारी के साथ केकेआर ने आईपीएल सीज़न 2021 के लिए मॉर्गन को कप्तान बनाया था. लेकिन इस सीज़न ना तो मॉर्गन का बल्ला चला और ना ही टीम का प्रदर्शन. टीम ने अब तक सीज़न में कुल सात मुकाबले खेले हैं, जिसमें वो सिर्फ दो जीतने में कामयाब रहे हैं.

कप्तान मॉर्गन के बल्ले का प्रदर्शन भी टीम जितना ही खराब रहा. उन्होंने कुल सात मैच खेले और सिर्फ 92 रन बनाए. लेकिन फिर भी एक वर्ल्ड चैम्पियन कप्तान अगर केकेआर के बाकी बचे कैम्पेन का हिस्सा नहीं होता तो टीम कैसा करेगी, ये देखना होगा.

पंजाब किंग्स की टीम का कैम्पेन इस सीज़न मिला जुला रहा है. केएल राहुल पेट में तकलीफ के चलते बीच में ही कप्तानी छोड़कर चले गए. लेकिन एक मैच बाद ही आईपीएल सस्पेंड हो गया. ऐसे में पंजाब के लिए ये अच्छा रहा. लेकिन अगर आगे के टूर्नामेंट में क्रिस जॉर्डन और डेविड मलान टीम के साथ नहीं हुए तो फिर टीम परेशानी में आ सकती है.

ये दोनों ही खिलाड़ी इंग्लैंड से आते हैं. डेविड मलान को आधे आईपीएल तक ज़्यादा मौके नहीं मिले. लेकिन वो वर्ल्ड टी20 की मौजूदा रैंकिंग में नंबर एक खिलाड़ी हैं. क्रिस जॉर्डन इस सीज़न लय में नहीं दिखे लेकिन वो पंजाब किंग्स के कैम्पेन के अहम सदस्य हैं. जॉर्डन ने इस सीज़न तीन मैच खेले जिसमें दो विकेट चटकाए.

सनराइज़र्स हैदराबाद की टीम भी ऐसी टीम है, जिसमें विदेशी खिलाड़ियों का बोलबाला रहा है. लेकिन इंग्लैंड से खिलाड़ी सिर्फ दो ही हैं. जॉनी बेयरस्टो और जेसन रॉय. टीम ने इस सीज़न डेविड वॉर्नर से बीच सीज़न कप्तानी छीनकर विलियमसन को सौंप दी.

लेकिन इसके तुरंत बाद ही आईपीएल सस्पेंड हो गया. अब बाकी बचे सीज़न में बेयरस्टो और रॉय अगर हैदराबाद के साथ नहीं रहे तो विलियमसन की कप्तानी भी हल्की नज़र आ सकती है. बेयरस्टो टीम के स्पेशलिस्ट ओपनर हैं. बेयरस्टो सालों से हैदराबाद की टीम में ये रोल प्ले कर रहे हैं. इस सीज़न उन्होंने सात मैचों में ताबड़तोड़ बैटिंग करते हुए 248 रन बनाए. उन्होंने टीम को हर बार तेज़ तर्रार शुरुआत दिलाई.

हालांकि जेसन रॉय को खेलने का मौका नहीं मिला. लेकिन रॉय भी तूफानी बैटिंग के लिए पहचाने जाते हैं. ऐसे में अगर ये दोनों खिलाड़ी नहीं आए तो हैदराबाद को विकल्प तलाशने होंगे.

राजस्थान रॉयल्स आईपीएल की वो टीम है जिसका कप्तान भले ही देसी हो लेकिन उसके कैम्पेन की सबसे बड़ी ताकत इंग्लैंड के खिलाड़ी हैं. इस टीम में बेन स्टोक्स, जोस बटलर, जोफ्रा आर्चर और लियम लिविंग्स्टन के रूप में सबसे ज़्यादा इंग्लिश खिलाड़ी हैं.

स्टोक्स, आर्चर और बटलर सालों से इस टीम के कोर ग्रुप का हिस्सा हैं. प्लेइंग इलेवन में भी इनकी जगह बिना किसी सवाल-जवाब के पक्की ही रहती है.

बेन स्टोक्स इस सीज़न सिर्फ एक मैच खेलकर उंगली फ्रैक्चर होने के कारण वापस लौट गए. जोफ्रा आर्चर भी हाथ में चोट की वजह से इस सीज़न के आधे हिस्से में टीम से नहीं जुड़े. लेकिन जोस बटलर ऐसे इंग्लिश खिलाड़ी रहे, जो इस सीज़न सभी सात मैचों में खेले. शानदार प्रदर्शन भी किया. बटलर ने इस सीज़न राजस्थान की पारी शुरू करते हुए 254 रन बनाए.

बटलर के अलावा लियाम लिविंग्स्टन को इस सीज़न एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला.अब ये बात तय है कि अगर इंग्लैंड के खिलाड़ी आईपीएल सीज़न 2021 के बाकी बचे हिस्से में नहीं आते तो राजस्थान रॉयल्स के कैम्पेन को बड़ा झटका लग सकता है.

ये था इंग्लैंड के खिलाड़ियों का आईपीएल 2021 में प्रदर्शन. ये वो छह टीमें हैं, जिनमें इक्के-दुक्के से लेकर भर-भरकर इंग्लिश खिलाड़ी मौजूद हैं. लेकिन इंग्लैंड के फ्यूचर टूर प्रोग्राम वाली खबर से जिन दो टीमों को कोई फर्क नहीं पड़ेगा, वो हैं विराट कोहली की आरसीबी और रोहित शर्मा की मुंबई इंडियंस. इन दोनों ही टीमों ने किसी भी इंग्लैंड के खिलाड़ी पर बोली ही नहीं लगाई.

अब देखना होगा कि बाकी टीमें और आईपीएल खुद इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड को मना पाता है या नहीं.

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