दोस्तों अभी भी हमारे समाज में कई ऐसे लोग है जो एक दुसरे से घृणा की भावना रखते है और दुसरे का तरक्की नहीं देखना चाहते है. कुछ ऐसे ही आज के खबरें है जो की एक बस कंडक्टर की बेटी की है जब वो पढाई कर रही थी तब लोग ताने मार रहे थे लेकिन उसने अपने मेहनत के दम पर सबको ताली मारने पर मजबूर कर दिया.

जी हाँ दोस्तों दरअसल हम बात कर रहे है शालिनी अग्निहोत्री (Shalini Agnihotri) के बारे में दोस्तों शालिनी अग्निहोत्री (Shalini Agnihotri) ठंडे प्रदेश यानी की हिमाचल प्रदेश से आती है. और शालिनी अग्निहोत्री (Shalini Agnihotri) का गाँव का नाम ठठ्ठल है दोस्तों आप सीधा समझ लीजिये एक छोटे से गाँव में जन्म लेकर और साधारण परिवार से आईपीएस तक का सफ़र आसन नहीं होता चलिए जानते है इनके बारे मे…

शालिनी अग्निहोत्री (Shalini Agnihotri) के बारे में बताया जाता है की बचपन में इनके माँ के साथ कुछ गलत हो गया था जिसका इन्साफ नहीं मिल पाया शालिनी अग्निहोत्री (Shalini Agnihotri) ने उसी दिन प्रण ले लिया की आगे चलाकर ये पुलिस ऑफिसर ही बनेंगी. और इन्होने अपना किया हुआ वादा भी पूरा करके लोगों को बता दिया.

लेकिन बहुत संघर्ष के बिच से ये आईपीएस बनी इन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा आज शालिनी अग्निहोत्री (Shalini Agnihotri) इमानदार, निर्भीक एवं निडर पुलिस ऑफिसर के रूप में जानी जाती है.

शालिनी अग्निहोत्री (Shalini Agnihotri) ने बचपन की पढ़ाई अपने गाँव के ही स्कूल से किया आपको बता दूँ की शालिनी अग्निहोत्री (Shalini Agnihotri) की मैट्रिक में 90 प्रतिशत से अधिक अंक आया है जिसके बाद सभी लोगों को लगने लगा की इसमें प्रतिभा की कोई कमी नहीं है लेकिन इंटर में 77% अंक ही आये.

उसके बाद शालिनी अग्निहोत्री (Shalini Agnihotri) निराश भी हुए लेकिन इनके मम्मी-पापा ने इन्हें उत्साहित किया और और इन्हें अपने लक्ष्य के प्रति जागरूक किया. इंटर के बाद कृषि क्षेत्र में शालिनी अग्निहोत्री (Shalini Agnihotri) ने ग्रेजुएशन कम्प्लीट किया.

और उसके बाद यूपीएससी की तैयारी में जुट गई. और आखिरकार साल 201१ में यूपीएससी की परीक्षा देने के बाद 2012 में इन्हें पुरे भारत में 285 रैंक हाशिल करके सबको चौका दिया और जो लोग इन्हें ताने मार रहे थे वो भी ताली मारने लगे.
