Bihar Monsoon Weather Update: बिहार में पिछले महीनो से लोग बारिश का इंतजार कर रहे है बता दे कि उन लोगों के लिए खुशखबरी है | क्योंकि अब बिहार में मानसून पूरी तरह से दस्तक दे चूका है | वहीँ आपको बता दे कि बिहार में दक्षिण पश्चिम मानसून (South West Monsoon) के आगमन को लेकर मौसम विज्ञानियों का पूर्वानुमान सटीक रहा। प्रदेश में मानसून तय समय यानी 13 जून को पूर्णिया के रास्ते दस्तक दे दी है।
इसका प्रभाव बिहार के किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और सुपौल जिलों में दिखने लगा। पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी आशीष कुमार की मानें तो अगले तीन से चार दिनों में मानसून का असर राज्य के अन्य हिस्सों में भी दिखने लगेगा। वहीं, 15-17 जून के बीच प्रदेश में आंधी-पानी, आकाशीय बिजली चमकने के साथ मानसून की बारिश का पूर्वानुमान है।
जून में तलहटी वाले जिलों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। पिछले चार वर्षों से समय पर प्रदेश में मानसून का आगमन होता रहा है। गया और पटना में मानसून आने की मानक तिथि 16 जून, वहीं छपरा में 18 जून है। मौसम विज्ञानी की मानें तो मानसून के प्रसार के लिए स्थितियां अनुकूल हैं। पिछले साल भी बिहार में मानसून का प्रवेश पूर्णिया के ही रास्ते हुुुआ था। पिछले साल प्री मानसून बारिश औसत से बेहतर हुुुई थी। इस बार यह आंकड़ा कम है। खासकर दक्षिण और मध्य बिहार में मानसून से पहले जोरदार गर्मी पड़ी है।
- बिहार में पूर्णिया के रास्ते मानसून ने दी दस्तक
- 15-17 जून के बीच प्रदेश के सभी हिस्सों में होगी झमाझम बारिश
- बीते वर्ष भी 13 जून को पूर्णिया के रास्ते मानसून का हुआ था प्रवेश
- दूसरे दिन भी 46.6 डिग्री सेल्सियस के साथ बक्सर प्रदेश का सबसे गर्म शहर
- सामान्य से चार डिग्री ज्यादा 41.5 डिग्री दर्ज किया गया पटना का तापमान
- मानसून के दौरान तलहटी वाले क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश के आसार
मौसम विज्ञानी की मानें तो प्रदेश में पूर्व पश्चिम ट्रफ-रेखा उत्तरी हिमालय से पूर्वी असम तक उत्तरप्रदेश, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम से होते हुए बंगाल की खाड़ी की ओर गुजरने से मानसून को मजबूती मिली है। इसके प्रभाव से सीमावर्ती क्षेत्रों के अधिकतर जिलों में प्री-मानसून के दौरान बारिश की गतिविधियां पहले से बनी हुई थीं। वहीं, अगले 24 घंटों के दौरान मानसून प्रवेश के कारण इन जिलों में अच्छी बारिश के आसार हैं।
बिहार में सीमांचल क्षेत्रों के रास्ते दक्षिण पश्चिम मानसून का आगमन होता है। मानसून आने की निर्धारित तिथि 11-13 जून के आसपास है, जबकि वापसी अक्टूबर में। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 2020 के बाद इस बार यानी तीसरे वर्ष भी मानसून अपने निर्धारित तिथि 13 जून को प्रदेश में पहुंचा है। वहीं, 2018 में मानसून सबसे देर से 25 जून को आया था। मानसून की वापसी सबसे देर में 2020 के 21 नवंबर को हुई थी।