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बिहार में इस मामले में लड़कियां निकली लड़कों से आगे, अब बेटी भी बढ़-चढ़ कर ले रही हिस्सा

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दोस्तों अब वो समय बिहार में भी नहीं रहा जो बेटियाँ को बराबर का हिस्सा नहीं दिया जाता है यह सालो साल पहले चलता था कि लड़की है सिर्फ खाना बनाएगी | और उसका पति मर गया तो उसको भी मार दो लेकिन अब बिलकुल ऐसा नहीं है | अपने पैर पर खड़ा होने में लड़का से आगे लड़की है | दरअसल आज हम आपके साथ एक डाटा शेयर करने जा रहे है जिसमे बिहार के कई जिलों में लड़का से अधिक लड़की हिस्सा ली है |

दरअसल हम बात कर रहे है बिहार सरकार श्रम संसाधन विभाग के द्वारा पुरे बिहार में चलाया गया एक अभियान के बारे में जिसका नाम है कुशल युवा कार्यक्रम जी हाँ दोस्तों ये अभियान को पुरे बिहार में चलाया गया है और इसके अंतर्गत सभी बच्चे को कंप्यूटर का ज्ञान दिया जाता है जिसका एक छोटा शा रिपोर्ट 10 लाख युवाओं का सामने आया है जिसमे लड़का से अधिक लड़की ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है | खास कर पिछड़े समाज के लोग उन लोगों ने भी इसमें भाग लिया है |

कुशल युवा कार्यक्रम के तहत 15 से 28 वर्ष के दसवीं उत्तीर्ण युवाओं को संवाद कौशल, हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा का ज्ञान, व्यवहार कौशल तथा कंप्यूटर का मूलभूत प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। राज्य में 1583 प्रशिक्षण केंद्र हैं। अब तक 10 लाख 3 हजार 806 युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त लिया है, जबकि 1 लाख 24 हजार 141 प्रशिक्षणरत हैं। कुल 240 घंटे के प्रशिक्षण में भाषा (हिन्दी/अंग्रेजी) एवं संवाद कौशल 80 घंटे, बुनियादी कंप्यूटर ज्ञान 120 घंटे एवं व्यवहार कौशल का प्रशिक्षण 40 घंटे का होता है।

विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पिछड़ा समुदाय में रोहतास में 14 हजार 129 लड़कों ने तो 14 हजार 171 लड़कियों की ने, सीवान में 14 हजार 306 लड़कों ने तो 16 हजार 861 लड़कियों ने प्रशिक्षण लिया। अतिपिछड़ा समुदाय में औरंगाबाद में 4033 लड़के तो 4054 लड़कियों ने प्रशिक्षण हासिल किया। गया में 5307 की तुलना में 5339 लड़कियां, किशनगंज में 875 लड़कों की तुलना में 1168 लड़कियां व नवादा में 4188 लड़कों की तुलना में 4192 लड़कियों ने प्रशिक्षण लिया। एससी श्रेणी में सीवान में 3082 की तुलना में 2971 लड़कियों ने प्रशिक्षण हासिल किया जबकि एसटी में प. चंपारण में 1897 लड़के व 2878 लड़कियां और सीवान में 1407 लड़के व 1840 लड़कियों ने प्रशिक्षण लिया।

जिलेवार प्रशिक्षणार्थी

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