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बिहार की एक महिला ने दिया मेंढक जैसी शक्ल वाले बच्चे का जन्म, देखने वालों का लग गया तांता

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सोशल मीडिया पर हमेशा कुछ न कुछ वायरल होते रहता है जी हाँ दोस्तों अभी एक बिहार के गया जिले से अजीबो गरीब मामला देखने को मिला है | मामला है की बिःर के गया जिले की एक महिला ने मेढक जैसे बच्ची को जन्म दी है | न केवल उस बच्चे की शक्ल मेंढक जैसी थी, बल्कि दोनों हाथों का शेप भी वैसा ही था। बच्चे का जन्म शनिवार सुबह हुआ और उसके कुछ देर बाद ही उसकी मौत भी हो गई।

मामला जिले के गुरुआ का है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में वाजितपुर की रहनेवाली सरिता देवी की कोख से जैसे ही बच्चे का जन्म हुआ, देखकर सब दंग रह गए।जन्मे बच्चे का आकार देखने में बड़ा ही अजीबोगरीब था। उसकी गर्दन नहीं थी। बड़ी-बड़ी आंखें थी। बिल्कुल मेंढक की तरह। खबर आग की तरह आसपास के इलाकों में फैल गई। बड़ी-बड़ी आंखों वाले उस बच्चे को देखकर सभी अचंभित थे।

मेडिकल जांच नहीं होने से हुई दिक्कत

पति गोविंद पासवान ने बताया कि सरिता देवी की यह तीसरी डिलीवरी थी। उसकी दो बेटियां पूर्व से ही हैं। स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर तनवीर ने बताया कि महिला की नार्मल डिलीवरी हुई थी। बच्चे का वजन करीब 800 ग्राम था, लेकिन उसके गर्दन के बाद का हिस्सा पूरी तरह से डेवलप नहीं हो सका था। जन्म के कुछ देर बाद ही उसकी मौत भी हो गई।

डॉक्टर ने बताया कि महिला ने पूर्व में किसी प्रकार की मेडिकल जांच नहीं कराई थी। उसका पति मजदूरी करता है। सही से देखभाल व खान-पान न होने की वजह से पेट में बच्चे का उचित विकास नहीं हो पाता है। इसी वजह से कभी-कभार उल्टे-सीधे शेप में बच्चे जन्म लेते हैं।

डॉक्टर का सुझाव लेवल 2 अल्ट्रासाउंड जरूर कराएं

इस मामले पर पटना के मेडिमैक्स अस्पताल के गैस्ट्रो सर्जन डॉक्टर संजीव कुमार का कहना है कि यह एक जन्मजात रोग का उदाहरण है। जब भ्रूण पूरी तरह से विकसित नहीं होता है तो इस तरह के मामले सामने आते हैं। गर्भ ठहरने के बाद बच्चे का अल्ट्रासाउंड जरूर करना चाहिए, ताकि समय रहते ऐसे मामलों का पता चल सके।

उन्होंने बताया कि पांच महीने के बाद लेवल 2 अल्ट्रासाउंड कराया जाता है। इससे हम लोग पता लगा सकते हैं कि भ्रूण अविकसित है या नहीं। अगर भ्रूण अविकसित है तो उसे खत्म कराया जाता है। नहीं तो बाद में यह परेशानी का सबब बन जाता है और माता-पिता के लिए भी मुश्किल हो जाता है। लेवल 2 अल्ट्रासाउंड से बच्चे के आंख, कान और बाकी अंगों का पता चल जाता है।

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