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जब भी हमारे मन में यूपीएससी ( UPSC – Union Public Service Commission ) examination या आईएएस ( IAS – Indian Administrative Service ) बनने का ख्याल आता है, तभी हम यह भी सोचने लगते हैं कि आईएएस ( IAS – Indian Administrative Service ) बनना बहुत ही मुश्किल बात है, सबके बस की बात नहीं, बहुत मेहनत करनी पड़ती होगी, घंटों पढ़ाई करनी पड़ती होगी। इस तरह की तमाम बातें हमारे मन में उठने लगती है । हम तभी हिम्मत हारने लगते हैं। लेकिन आपको बता दूं आईएएस ( IAS – Indian Administrative Service ) बनना उतना भी कठिन नहीं है, जितना लोगों ने इसे समझ रखा है। आप महज 24 घंटों में से 7 से 8 घंटों की पढ़ाई से भी आईएएस ( IAS – Indian Administrative Service ) बन सकते हैं।

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IAS Nisha Grewal Success Story in Hindi : ऐसी ही एक कहानी है Nisha Grewal की जो यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2020 ( UPSC – Union Public Service Commission ) में महज 7 से 8 घंटे प्रतिदिन की पढ़ाई के बदौलत पहले ही प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 51 हासिल कर लिया और आईएएस ( IAS – Indian Administrative Service ) बनने का सपना पूरा किया। Nisha Grewal हरियाणा के भिवानी गांव की रहने वाली है। निशा ग्रेवाल एक साधारण परिवार से आती है। निशा ग्रेवाल का बचपन हरियाणा के भिवानी गांव में ही बीता है | वह बचपन से ही पढ़ने में काफी मेधावी थी।

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IAS Nisha Grewal के पिता हरियाणा बिजली विभाग में नौकरी करते हैं। माता एक गृहिणी है। निशा अग्रवाल को आईएएस बनाने में उनके दादाजी का बहुत बड़ा हाथ है। निशा ग्रेवाल के दादा रामफल जी एक गणित के शिक्षक रहे हैं। निशा ग्रेवाल बताती है आईएएस बनने में उनके दादाजी ने उन्हें बहुत सहयोग किया है बाकी परिवार का भी सहयोग काफी मिला है |

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ऐसा कहा जाता है कि बड़े-बुजुर्ग परिवार के एक धरोहर के तरह होते हैं। जिनका हमेशा सम्मान करना चाहिए। बड़े-बुजुर्गों के पास जिंदगी का इतना गहरा अनुभव होता है कि वह जिस बात को बोलते या करते हैं, उसका हमेशा एक ही सही अर्थ निकलता है। और ऐसा ही हुआ निशा ग्रेवाल के साथ। IAS निशा ग्रेवाल के दादा रामपाल जी एक काफी अनुभवी गणित के शिक्षक रहे हैं। वह शिक्षा के महत्व को काफी अच्छे से जानते है। वह यह भी जानते थे की निशा ग्रेवाल को अगर सही दिशा में प्रोत्साहन किया जाए तो वह आईएएस ( IAS – Indian Administrative Service ) बन सकती है। उन्होंने अपनी पोती के पढ़ाई में हर कदम पर साथ देना शुरू किया और गाइड करना शुरू किया कि कैसे एक बड़े लक्ष्य को हासिल किया जाता है । गणित के शिक्षक रहे दादाजी अपने विषय के अलावा भी निशा को अन्य विषयों के बारे में अक्सर बताया करते थे।

IAS Nisha Grewal ने Graduation Political Science से किया है। उन्होंने यह ग्रेजुएशन की डिग्री दिल्ली यूनिवर्सिटी से हासिल किया है। ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने आईएएस ( IAS – Indian Administrative Service ) यूपीएससी ( UPSC – Union Public Service Commission ) की तैयारी शुरू किया। शुरुआत में उन्होंने कोचिंग इंस्टिट्यूट का हेल्प लिया । बाद में Self Study पर ध्यान देकर कड़ी मेहनत करने लगी।

IAS Nisha Grewal ने class 6th to12th की NCERT की किताबों को उन्होंने काफी बार पढ़ा और समय-समय पर रिवीजन भी किया। जिनसे उनका Knowledge base काफी मजबूत हो गया। फिर उन्होंने कुछ basic books पर ध्यान दिया जैसे पॉलिटिकल साइंस के लिए लक्ष्मीकांत , History के लिए सतीश चंद्रा, विपिन चंद्रा, स्पेक्ट्रम। उनका मानना है कि एक बार में सिलेबस क्लियर नहीं होते इसीलिए रिवीजन करते रहना बहुत जरूरी है | उन्होंने प्रत्येक सब्जेक्ट का तीन से चार बार रिवीजन किया।

इसके साथ-साथ उन्होंने Mock Test Paper भी देना शुरू किया । जिससे उन्हें एग्जामिनेशन टाइम कैलकुलेशन का रियल आइडिया मिलना शुरू हो गया । निशा ग्रेवाल ने खुद बताया कि मॉक टेस्ट किसी भी aspirant के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण पहलुहोता है , क्योंकि प्रतिदिन अगर 9:30 से 11:30 तक कोई मॉक टेस्ट पेपर सॉल्व करता है तो वह एग्जामिनेशन का प्रोसेस, उनकी प्रैक्टिस में आ जाता है । जब हम एग्जामिनेशन देने जाते हैं तो काफी बार मॉक टेस्ट कर लेने से हमें एग्जामिनेशन में काफी मदद मिलती है। जो की ज्यादा अंक हासिल करने में मदद मिलती है।

परिवार का सपोर्ट, दादा जी का मार्गदर्शन और निशा का मेहनत रंग लाया, निशा पहले ही प्रयास में यूपीएससी( UPSC – Union Public Service Commission ) सिविल सर्विस एग्जाम 2020 में 51वाँ रैंक हासिल कर लिया।

हमारे समाज में आज भी बेटियों के पैरों में बहुत सारी सामाजिक बंदिशें बंधी हुई है। फिर भी निशा एक छोटे से गांव से निकलकर आईएएस ( IAS – Indian Administrative Service ) बनी यह एक काफी गर्व की बात है । हम सबको इससे सीख लेनी चाहिए | बेटियां आज भी किसी से कम नहीं है। बेटियां आज हर क्षेत्र में चाहे वह आईएएस हो, चाहे वह मिलिट्री हो, चाहे वह राजनीति हो हरेक क्षेत्र में बढ़-चढ़कर देश सेवा में अपना योगदान दे रही है।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...