aeb6d8f9 6e8b 42c5 9a6f 578c52bacb25 17

महंगाई अभी देश की सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है चाहे सरसों का तेल हो या पेट्रोल डीजल सभी के दाम बहुत बढ़ गए है लोग बहुत परेशान है | अब सब्जियों भी कम नही है सब्जियों का दाम भी मार्केट में बहुत ज्यदा है | चंद दिनों में ही दामों में फिर से इजाफे के साथ ब्रांडेड सरसों के तेल ने डबल सेंचुरी मार दी है। यही स्थिति नॉन ब्रांडेड सरसों के तेल की भी है, जो इन दिनों रिटेल मार्केट में 180 रुपए प्रति किलो तक बेचा जा रहा है।

दरअसल, जून में 200 रुपए प्रति किलो चल रहे ब्रांडेड सरसों के तेल के दाम अक्टूबर में कम होकर 160 प्रति किलो तक रह गए थे। फेस्टिवल के बाद शुरू हुए वेडिंग सीजन के बीच भारी मांग के चलते दाम फिर से पुरानी दरों पर आ पहुंच गए हैं। इससे लोगों का रसोई का बजट गड़बड़ा गया है। जा

नकारों की मानें तो दामों में इजाफे का सिलसिला नववर्ष यानी जनवरी के मध्यांतर तक यथावत रहेगा। इसके बाद राजस्थान से सरसों की फसल की आमद शुरू हो जाएगी। देश भर में सरसों की सप्लाई की सबसे बड़ी मंडी होने के चलते बाजार में सरसों की आमद के साथ फिर दामों में कुछ गिरावट हो सकती है।

इस बारे में तेल के थोक कारोबारी राजेंद्र पाल सिंह बताते हैं कि सरसों के दामों में आए उछाल का असर तेल के दामों पर पड़ा है। उन्होंने बताया कि नामी ब्रांडेड सरसों के तेल के रेट इन दिनों थोक में 190 रुपये तक पहुंच चुके हैं, जिसे रिटेल में 200 रुपये बेचा जा रहा है। इसी तरह नान ब्रांडेड सरसों के तेल का दाम थोक में 170 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुका हैं, जो रिटेल में 180 रुपए प्रति किलो बेचे जा रहे हैं।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...