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बिहार का दूसरा रेल सुरंग ऑस्ट्रेलिया की टेक्नोलॉजी से, बनकर तैयार जल्द दौड़ेगी ट्रेन

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बिहार का पहला रेल सुरंग बिहार के जमालपुर में बनाया गया था, जो कि अंग्रेज के जमाने में इसे बनाया गया था लेकिन अब बिहार का दूसरा रेल सुरंग अब लगभग बनकर तैयार हो चुका है।  यह निर्माण होने से बिहार के भागलपुर किऊल-सेक्शन पर ट्रेनों का परिचालन और सुगम हो जाएगा। बता दें कि यह रेल सुरंग निर्माण कार्य 2019 के फरवरी में शुरू हुआ था। और इसका निर्माण 2020 के मार्च तक पूरा होना था। जो अभी तक कुछ कारणों की वजह से पूरा नहीं हुआ है |

ऐसे में बिहार के अधिकारियों की मानें तो यह रेल सुरंग का निर्माण कार्य तकरीबन 90 फीसद तक पूरा कर लिया गया है। और अगस्त 2021 से सुरंग में रेलवे ट्रैक बिछाने का काम भी शुरू हो जाएगा। जिससे उम्मीद लगाई जा रही है की अक्टूबर-नवंबर के बीच यह सुरंग चालू हो जाएगा। बता दें कि बिहार में बन रहे इस रेल सुरंग की लागत 2019 में 35 करोड़ रुपये थी अभी बढ़कर 52 करोड़ खर्च होने की उम्मीद है।

बिहार के जमालपुर और रतनपुर के बीच एक ही लाइन से ट्रेनें गुजरती हैं। यह नए सुरंग बनने के बाद लगभग तीन किलोमीटर बची रेल ट्रैक दोहरीकरण का रास्ता भी पूरी तरह साफ हो जाएगा। बिहार में ये सुरंग बनने के बाद अप और डाउन की ट्रेनें बिहार के जमालपुर और रतनपुर में नहीं फंसेगी। जिससे समय में काफी बचत होगा।

बिहार में इस बार जो नए रेल सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। वह पुराने रेल सुरंग की तुलना में थोड़ा बड़ा होगा। बता दें की नए रेल सुरंग की लंबाई लगभग दो सौ फीट ज्यादा है। जानकी बिहार के पुराने सुरंग की लंबाई 710 फीट है। जबकि नए सुरंग की लंबाई 903 फीट है। चौड़ाई भी 10 फीट ज्यादा है। बिहार में नए सुरंग में पैदल चलने के लिए दोनों तरफ से छह-छह फीट का रास्ता भी बनाया गया है। ताकि सुरंग से गुजरते वक्त कोई ट्रेन भी आ जाए तो दिक्कत नहीं होगी।

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