दिन के 1 बजे दिन का समय था आसमान में कड़ी धुप थी और जगह था साऊथ इंडिया के तेलंगाना राज्य के सिद्दीपेट जिले के अन्दर एक गाँव का इलाका जिसका नाम कोंडापाका गाँव था उस गाँव में एक बुद्धि नरेश नाम के किसान अपने खेतों में काम कर रहे थे कड़ी धुप में उनका यही पेशा था घर की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं थी किसानी ही सहारा था.

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बच्चे बाहर में पढ़ रहे थे और उसी समय उनके मोबाइल पर कॉल आता है बाहर पढ़ रहे बेटे का बेटे का नाम होता अहि बुद्धि अखिल कॉल उठाते ही पहले अभिवादन होता है उसके बाद बीटा कहता है बापू नेनु आईएएस अइया (इसका हिंदी में मतलब होता है बापू मैं आईएएस बन गया हूं) ये बात सुनते ही पिता बुद्धि नरेश का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है ख़ुशी के मारे आँख से अंशु टपकने लगते है.

ऐसा मानो जिन्दगी का सारा दुःख खत्म हो गया हो किसान यह खुशखबरी सुनते ही अपना सारा काम छोड़कर घर गया और अपने पत्नी और घर के बाकी सदस्य के साथ यह कहानी बताया घर में पूरा ख़ुशी का माहोल साथ ही चलिए अब जानते अहि उनके बेटे बुद्धि अखिल की संघर्ष की कहानी उनके लिए इतना आसान नहीं था ये यूपीएससी का करियर.

यूपीएससी भारत की टॉप लेवल की एग्जाम होती है इस परीक्षा में पुरे देश भर के अभ्यार्थी भाग लेते है बुद्धि अखिल का जन्म गाँव के एक छोटे से घराना और साधारण परिवार में हुआ था. वो बताते है की बिना किसी कोचिंग और बड़े संस्थान के घर से ही मेहनत करके उन्होंने इतनी बड़ी सफलता हाशिल की.

इस दुनिया में च्कोई भी एग्जाम असंभव नहीं है अगर आपके अन्दर क्षमता है उसे पास करने की आप उसके प्रति कितना मेहनत करते है ये साड़ी बातें आप पर निर्भर करती है आज के समय में बुद्धि अखिल उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो सोचते है बड़े-बड़े शहर और कोचिंग में जाकर ही यूपीएससी पास किया जा सकता है.

बुद्धि अखिल ने ऑल ओवर इंडिया में 321वीं रैंक हासिल करके यह बता दिया की कामयाबी कैसे हाशिल किया जा सकता है हलांकि ये सफलता उनको पहलीबार में नहीं मिली थी लेकिन उन्होंने कभी हर नहीं माना और लगातार निरंतर प्रयास करते रहे.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...