जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा। झारखंड के जमशेदपुर के कदमा का एक परिवार उन लोगों के लिए प्रेरक मिसाल है, जो कोरोना संक्रमित होते ही घबरा जाते हैं। यह परिवार बिना अस्पताल गए या आइसोलेट हुए कोरोना को हराने में कामयाब रहा। आप इनसे सीखें कैसे आसानी से दे सकते कोरोना को मात।

कदमा स्थित आवास रेसीडेंसी निवासी काकोली घोष बताती हैं कि सबसे पहले टाटा स्टील में कार्यरत उनके पति संतोष घोष को संक्रमण हुआ। एक दिन वे ड्यूटी गए तो वहीं उन्हें बुखार महसूस हुआ। अगले दिन जांच कराई तो पॉजिटिव रिपोर्ट आई। बिना देर किए मैंने और अपनी बेटी श्रेष्ठा का टेस्ट कराया।

Also read: Bullet Train In Rajsthan: दिल्ली – अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत राजस्थान के 7 जिलों के 335 गावों से होकर भी गुजरेगी बुलेट ट्रेन, खबर में जानिए पूरी डिटेल्स…

Also read: India New Expressway: इसी साल में बनकर तैयार होंगे भारत का दूसरा सबसे लंबा सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे, निर्माण में खर्च किये जायेंगे 50 हजार करोड़ रुपये

स्वाभाविक रूप से हम भी संक्रमित निकल गए। हमने तत्काल डा. प्रुष्टि से मिलकर पति की जांच कराई और सबके लिए विटामिन व दवा ले ली। इसके बाद हम घर में बंद रहे, लेकिन काेराेना को दिमाग से हटा दिया। दवा का नियमित सेवन किया। इसके बाद भाप लेना और गारगल करना जारी रखा।

हम तीनों इस तरह रहे, जैसे किसी हिल स्टेशन में घूमने आए हैं। किसी को कोई काम नहीं है। टीवी और मोबाइल पर कोरोना की खबरें नहीं देखते थे, सिर्फ सीरियल-सिनेमा। हमने खूब एंज्वाय किया। ना अस्पताल गए, ना आइसोलेट रहे। 20 दिन बाद हमने टेस्ट कराया और तीनों निगेटिव हो गए।

मैंने फेसबुक पर अपनी कहानी शेयर की है कि कोरोना को हौवा मत बनाइए। परहेज कीजिए, दवा लीजिए और ठीक हो जाइए। इसमें यह बताना जरूरी है कि इस दौरान अपार्टमेंट के लोगों ने हमारी खूब मदद की। वे हर दिन बाहर से ही हालचाल पूछते थे और जिस सामान की जरूरत होती, ला देते थे।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...