दोस्तों कहा जाता है की इस संसार में माता-पिता के बाद गुरु का ही स्थान आता है और गुरु ही वो इंसान है जो अपने बच्चो को सही मार्गदर्शन दिखाते है. आज के इस खबर में हम बतायेंगे एक ऐसे व्यक्ति के बारे में जो की आईएस है और आईएस बनने के बाद पंहुचे अपने बचपन के स्कूल.

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और स्कूल पंहुचने के बाद जो हुआ वो जानकर आप भी हो जायेंगे भावुक चलिए जानते है क्या है पूरा मामला दोस्तों दरअसल हम बातकर रहे है बिहार के पूर्णिया जिले के रहने वाले आशीष कुमार मिश्रा के बारे में जिन्होंने देश के सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी में 52वीं रंक हाशिल करके सबको चौका दिया.

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दोस्तों यूपीएससी की परीक्षा में अच्छा रैंक मिलने के बाद आशीष कुमार को आईएस बनाया गया और आईएस आशीष कुमार ने आईएस बनने के बाद अपने बचपन के स्कूल गए और वहां अपने बचपन के सभी शिक्षक प्रिंसिपल से मिले सभी ने आशीष को आशीर्वाद दिया.

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आशीष कुमार ने अपने बचपन के टीचर के पैर छुए और और उनसे आशीर्वाद भी लिए दोस्तों वो समय कोई भी टीचर के लिए बहुत किफायती होगा जब उसका छात्र आईएस बनकर उसके पैर छुए वहां खड़े सभी के आँखे नाम हो गई टीचर के भी आँख से ख़ुशी के आंसू छलकने लगे और उन्होंने नाम आँखों से अपने छात्र को आशीर्वाद भी दिया.

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आईएस बनकर भी नहीं भूले संस्कार छुए बचपन के शिक्षक का पैर

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सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...