दुनियाभर में आज के समय में विज्ञान ने इतनी प्रगति कर ली है की जो चीजे सालो पहले एक सपना लगता था या कोई चीज नामुमकिन लगती थी वो आज के दौर में सच साबित होती नजर आती है. इसी के चलते आज का दौर टेक्नोलॉजी का दौर बन चूका है. वही विज्ञान का ये बढ़ता दायरा मानव जीवन के लिए वरदान साबित हो रहे है.

आज इसी के वजह से असाध्य रोगियों का इलाज भी विज्ञान की नई तकनीक से संभव हो पाया है. दरअसल में विज्ञान के आज के दौर में सबसे ज्यादा फायदा चिकित्सा विज्ञान हुआ है. चिकित्सा विज्ञान में टेक्नोलॉजी एक वरदान साबित हो रही है. नई नई खोज से चिकित्सा विज्ञान, शरीर की आंतरिक सरचना ओर उनकी बनावट आदि को अच्छे से समझने में काफी फायदा हुआ है.

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इसी के चलते चिकित्सा विज्ञान अपने आप को दिन पे दिन मजबूत होता जा रहा है. आज वज्ञान मानव शरीर के जिन में परिवर्तन कर सकती है. लेकिन सावधान ये तकनीक मानव जीवन के लिए खतरा भी साबित हो सकती है. क्योंकि अगर मानव जीवन में विज्ञान द्वारा प्रकृति के नियम को से छेड़छाड़ की गई तो उसके दुष्प्रभाव भी अधिक हानिकारक हो सकते है.

इसी के चलते हाल में विज्ञान की इस तकनीक का एक बेहद सुंदर उपयोग देखने को मिला. जिसके बारे में जानकर आपकी आँखे भी फटी की फटी रह जायेंगी. खबरों में बताया जा रहा है की सालो से जिस खुशी की आस लगाए एक दंपति इंतजार कर रहे थे वो खुशी उन्हें 54 साल बाद नसीब हुई. और ये ख़ुशी उन्हें आज की वैज्ञानिक तकनीक के दम पर हुई. दरअसल ये अनोखा मामला आंध्र प्रदेश के गुंटूर शहर का बताया गया है.

इसके बाद दोनो पति पत्नी अब काफी खुश नजर आ रहे है. क्योकि सालो बाद उनके घर में खुशियां की किलकारी गूंजी है. महिला ने नर्सिंग होने में ऑपरेशन से जनन संभव हुआ.आपको जानकर हैरानी होगी की इस से पहले सबसे अधिक उम्र में बच्चे को जन्म देने का रिकॉर्ड पंजाब की दलजिंदर कोर के पास था. उन्होने 72 साल की उम्र में बच्चे को जन्म दिया था ।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...